गुरुवार, 29 मई 1997
हमारी माता का संदेश

मेरे बच्चों, बिना देर किए पश्चाताप करो! तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि अनन्त पिता अपने पापों से कितने दुखी हैं। तुरंत अपना जीवन बदलो और अब उन्हें नाराज़ मत करो!
मेरे बच्चों, बिना देर किए पश्चाताप करो! तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि अनन्त पिता अपने पापों से कितने दुखी हैं। तुरंत अपना जीवन बदलो और अब उन्हें नाराज़ मत करो!
उत्पत्तियाँ:
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