सोमवार, 3 जुलाई 2000
माता मरियम का संदेश

रक्त के आँसुओं की माला प्रार्थना करते रहो हमेशा! शैतान वहाँ जीत नहीं पाएगा जहाँ इसकी प्रार्थना की जाती है। मैं चाहती हूँ कि दुनिया को इस प्रार्थना की `शक्ति' पता चले (थोड़ा रुककर)।
रक्त के आँसुओं की माला प्रार्थना करते रहो हमेशा! शैतान वहाँ जीत नहीं पाएगा जहाँ इसकी प्रार्थना की जाती है। मैं चाहती हूँ कि दुनिया को इस प्रार्थना की `शक्ति' पता चले (थोड़ा रुककर)।
उत्पत्तियाँ:
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